Follow me on Facebook

1 जन॰ 2013

उम्मीदों भरा नया साल


नए साल में,
सुरज पूरब से हीं उगेगा,
फिर भी,
जब अस्त होगा,
तब कोई अबला नहीं रोएगी,
उम्मीद है।

नए साल में,
चलने नहीं लगेंगी अदालतें बुलेट ट्रेन सी,
फिर भी,
पीड़िताएँ इंसाफ के इंतज़ार में,
आत्महत्या नहीं करेंगी,
उम्मीद है।

नए साल में,
नहीं जागेंगे सभी,
फिर भी,
किसी हत्यारे, बलात्कारी, भ्रष्टाचारी को,
वोट नहीं देंगे,
उम्मीद है।

नए साल में,
गायब नहीं होगी गरीबी,
फिर भी,
गरीब नहीं बेचेंगे नहीं अपना कीमती वोट,
दारू, साड़ी, टिवी के लिए,
उम्मीद है।

नए साल में,
अमीर नहीं छोड़ेंगे लालच,
फिर भी,
गरीब को उसका हक देने में,
नहीं हिचकिचाएंगे,
उम्मीद है।

नए साल में,
नहीं खत्म होगा दलितों पर अत्याचार,
फिर भी,
मिलेगा उनको न्याय,
बदलेगा लोगों का व्यवहार,
उम्मीद है।

नए साल में,
आएंगे कई नए सास बहू के सिरियल,
फिर भी,
घरों में मिल कर रहेंगी,
सास और बहुएँ,
उम्मीद है।

नए साल में,
भारत नहीं ले पाएगा अमरीका की जगह,
फिर भी,
प्रगति पथ पर आगे बढेगा,
कई पायदान उपर चढेगा ,
उम्मीद है।

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...