आईने की फितरत से नफरत करके क्या होगा
किरदार गर नहीं बदलोगे किस्सा कैसे नया होगा
हर बार आईना देखोगे धब्बा वही लगा होगा
आईने लाख बदलो सच बदल नहीं सकते
जो गुनाह किया तुमने उनका फल बदल नहीं सकते
आज आईने से नफरत है खुद से नफरत हो जाएगी एक दिन
सारे पापों के धब्बे जब चेहरे पर निकलेंगे गिन-गिन
छुप लो जब तक छुप सकते हो गुमनामी के अंधेरे में
सोच लो तब क्या होगा जब दुनिया देखेगी सवेरे में
एक सलाह है तुमको तुम्हारा सब कुछ लुट जाने से पहले
चले जाओ ये दुनिया छोड़कर अंधेरा छट जाने से पहले
तुम्हारे इसी चेहरे से मोहब्बत थी मुझे एक दिन
मैं भी नहीं देखना चाहता तुम्हारा यह रुप
संजो कर रखना चाहता हूं पुरानी यादें हसीन
किरदार गर नहीं बदलोगे किस्सा कैसे नया होगा
हर बार आईना देखोगे धब्बा वही लगा होगा
आईने लाख बदलो सच बदल नहीं सकते
जो गुनाह किया तुमने उनका फल बदल नहीं सकते
आज आईने से नफरत है खुद से नफरत हो जाएगी एक दिन
सारे पापों के धब्बे जब चेहरे पर निकलेंगे गिन-गिन
छुप लो जब तक छुप सकते हो गुमनामी के अंधेरे में
सोच लो तब क्या होगा जब दुनिया देखेगी सवेरे में
एक सलाह है तुमको तुम्हारा सब कुछ लुट जाने से पहले
चले जाओ ये दुनिया छोड़कर अंधेरा छट जाने से पहले
तुम्हारे इसी चेहरे से मोहब्बत थी मुझे एक दिन
मैं भी नहीं देखना चाहता तुम्हारा यह रुप
संजो कर रखना चाहता हूं पुरानी यादें हसीन
Nice poem
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